सावधान! ये बाइक देखते ही पुलिस काट रही है ₹10,000 का चालान – जानिए क्या है कारण

अगर आप बाइक चलाते हैं, तो यह खबर नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है। अब ट्रैफिक पुलिस बिना HSRP नंबर प्लेट, तेज साइलेंसर और प्रेशर हॉर्न वाली बाइकों को देखते ही रोक रही है। सीधा ₹10,000 का चालान कट रहा है – कहीं आपकी बाइक भी लिस्ट में तो नहीं?



बिना HSRP नंबर प्लेट और मॉडिफाइड साइलेंसर वाली बाइक पर ट्रैफिक पुलिस चालान काटते हुए
बिना HSRP नंबर प्लेट और मॉडिफाइड साइलेंसर वाली बाइक पर ट्रैफिक पुलिस चालान काटते हुए

आज के समय में अगर आप रोज़ बाइक से ऑफिस, कॉलेज या किसी काम से बाहर निकलते हैं, तो यह खबर आपके लिए बहुत ज़रूरी है। देश के कई राज्यों में ट्रैफिक पुलिस ने बाइकों को लेकर सख्त अभियान शुरू कर दिया है। अब जरा-सी लापरवाही या फैशन के चक्कर में किया गया मॉडिफिकेशन भी आपको भारी नुकसान पहुंचा सकता है। कई मामलों में बाइक सवारों का सीधा ₹10,000 तक का चालान काटा जा रहा है और कहीं-कहीं तो वाहन जब्ती की कार्रवाई भी हो रही है।

अक्सर लोग सोचते हैं कि “बस नंबर प्लेट थोड़ी अलग है”, “साइलेंसर से आवाज ही तो ज्यादा आती है” या “हॉर्न बदलने से क्या फर्क पड़ेगा”, लेकिन अब यही छोटी-छोटी बातें बड़ी परेशानी बनती जा रही हैं। आइए आसान और साफ हिंदी में समझते हैं कि आखिर ट्रैफिक पुलिस किन बाइकों को रोक रही है और आप कैसे इस भारी चालान से बच सकते हैं।


बिना HSRP नंबर प्लेट वाली बाइक पर सबसे ज्यादा कार्रवाई

सरकार ने साफ कर दिया है कि अब सभी दोपहिया और चारपहिया वाहनों पर High Security Registration Plate (HSRP) लगवाना अनिवार्य है। यह कोई सामान्य नंबर प्लेट नहीं होती, बल्कि इसमें एक यूनिक लेज़र कोड, क्रोमियम बेस्ड होलोग्राम और ऐसी तकनीक होती है जिसे आसानी से बदला या छेड़ा नहीं जा सकता।

आज भी बहुत से लोग पुरानी, टूटी-फूटी या फैंसी डिजाइन वाली नंबर प्लेट लगाकर घूम रहे हैं। किसी ने अक्षर टेढ़े-मेढ़े करवा लिए हैं, तो किसी ने नाम या स्टाइलिश फॉन्ट छपवा लिया है। अब ट्रैफिक पुलिस ऐसे मामलों में बिल्कुल भी नरमी नहीं दिखा रही।

अगर आपकी बाइक पर HSRP नंबर प्लेट नहीं लगी है, तो यह सीधा मोटर व्हीकल एक्ट का उल्लंघन माना जाता है। कई राज्यों में इसके लिए ₹5,000 से लेकर ₹10,000 तक का चालान काटा जा रहा है। इसलिए अगर अब तक आपने HSRP नहीं लगवाई है, तो इसे नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है।

अच्छी बात यह है कि HSRP लगवाना बहुत आसान है। आप “Book My HSRP” की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर अपने वाहन का रजिस्ट्रेशन नंबर डालकर प्लेट बुक कर सकते हैं। कुछ ही दिनों में प्लेट आपके पास पहुंच जाती है या नजदीकी अधिकृत सेंटर पर लग जाती है।


तेज आवाज वाला मॉडिफाइड साइलेंसर बन रहा है मुसीबत

आजकल खासकर युवाओं में बाइक को “लुक और साउंड” देने का ट्रेंड बहुत बढ़ गया है। रॉयल एनफील्ड जैसी बाइकों में तेज आवाज वाले साइलेंसर लगवाना फैशन बन चुका है। लेकिन यही फैशन अब जेब पर भारी पड़ रहा है।

तेज आवाज या पटाखों जैसी आवाज करने वाले साइलेंसर Noise Pollution नियमों का उल्लंघन करते हैं। इससे सिर्फ शोर नहीं बढ़ता, बल्कि बुजुर्गों, बच्चों और मरीजों को भी परेशानी होती है। इसी वजह से ट्रैफिक पुलिस ऐसे साइलेंसरों पर सख्त कार्रवाई कर रही है।

अगर आपकी बाइक में गैरकानूनी साइलेंसर लगा हुआ है, तो पुलिस ₹10,000 तक का जुर्माना लगा सकती है। कई मामलों में साइलेंसर मौके पर ही उतरवा दिया जाता है और जरूरत पड़ने पर बाइक भी जब्त की जा सकती है।

इसलिए समझदारी इसी में है कि बाइक में कंपनी द्वारा दिया गया फैक्ट्री-फिटेड साइलेंसर ही इस्तेमाल करें। यह न सिर्फ कानूनी होता है, बल्कि इंजन के लिए भी सुरक्षित रहता है।


प्रेशर हॉर्न और ट्रक हॉर्न पर भी सख्ती

बहुत से लोग अपनी बाइक में तेज आवाज वाला प्रेशर हॉर्न या मल्टी-टोन हॉर्न लगवा लेते हैं, ताकि ट्रैफिक में रास्ता जल्दी मिले। लेकिन अब यही हॉर्न चालान की वजह बन रहे हैं।

प्रेशर हॉर्न और ट्रक हॉर्न की आवाज बहुत ज्यादा तेज होती है, जो सड़क पर चल रहे दूसरे लोगों के लिए खतरनाक साबित हो सकती है। अचानक तेज आवाज से हादसे का खतरा भी बढ़ जाता है।

ट्रैफिक नियमों के अनुसार, बाइक में वही हॉर्न लगाना चाहिए जो कंपनी द्वारा अप्रूव्ड हो। अगर पुलिस ने आपकी बाइक में गैरकानूनी हॉर्न पकड़ा, तो चालान के साथ-साथ हॉर्न जब्त (Seize) भी किया जा सकता है।


अवैध मॉडिफिकेशन और रंगीन लाइट से रहें दूर

आजकल कई लोग बाइक को अलग दिखाने के लिए रंगीन LED लाइट, इंडिकेटर कवर, स्टाइलिश नंबर प्लेट फ्रेम, ब्लैक फिल्म या चमकीले रैप्स लगवा लेते हैं। देखने में ये चीजें अच्छी लग सकती हैं, लेकिन कानून की नजर में ये गलत हैं।

इन मॉडिफिकेशन से सड़क सुरक्षा पर असर पड़ता है। कई बार दूसरी गाड़ियों को सही सिग्नल नहीं दिख पाता, जिससे दुर्घटना का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा, इंजन या चेसिस में किया गया कोई भी बदलाव पूरी तरह गैरकानूनी है।

ऐसे मामलों में ट्रैफिक पुलिस न सिर्फ चालान काट सकती है, बल्कि बाइक सीज कर सकती है और RTO के जरिए रजिस्ट्रेशन रद्द करने की कार्रवाई भी हो सकती है।


चालान से कैसे बचें – आसान और जरूरी टिप्स

अगर आप चाहते हैं कि आपकी मेहनत की कमाई चालान में न जाए, तो कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखें:

  • अपनी बाइक पर तुरंत HSRP नंबर प्लेट लगवाएं
  • तेज आवाज वाला साइलेंसर या गैरकानूनी हॉर्न हटवा दें
  • केवल कंपनी द्वारा स्वीकृत पार्ट्स और एक्सेसरीज़ का ही इस्तेमाल करें
  • बाइक में किसी भी तरह का अवैध मॉडिफिकेशन न कराएं
  • समय-समय पर Parivahan e-Challan वेबसाइट पर जाकर अपने चालान की स्थिति चेक करते रहें.

जिम्मेदार नागरिक बनना ही सबसे बड़ा समाधान

ट्रैफिक नियम सिर्फ चालान काटने के लिए नहीं बनाए जाते, बल्कि सड़क पर सभी की सुरक्षा के लिए होते हैं। अगर हम थोड़ी समझदारी दिखाएं और नियमों का पालन करें, तो न केवल जुर्माने से बच सकते हैं, बल्कि खुद और दूसरों की जान भी सुरक्षित रख सकते हैं।

इसलिए अगली बार बाइक स्टार्ट करने से पहले एक बार जरूर देख लें – कहीं आपकी बाइक भी उन गाड़ियों में तो नहीं, जिन्हें देखते ही पुलिस रोक रही है। आज ही जरूरी सुधार करें और बेफिक्र होकर सुरक्षित सफर करें।

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