
New PUC Rule Delhi: दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर अब सरकार पूरी तरह सख्त मूड में नजर आ रही है। राजधानी की हवा को साफ रखने और नियमों का पालन सुनिश्चित कराने के लिए दिल्ली सरकार ने बड़ा और कड़ा फैसला लिया है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने साफ शब्दों में ऐलान कर दिया है कि अब बिना वैध PUC (Pollution Under Control) सर्टिफिकेट के गाड़ी चलाने वालों को किसी भी तरह की राहत नहीं मिलेगी। न सिर्फ सड़क पर चालान कटेगा, बल्कि लोक अदालत में भी जुर्माना कम या माफ नहीं होगा। हर हाल में 10 हजार रुपये का जुर्माना वसूला जाएगा।
यह फैसला ऐसे समय में आया है जब दिल्ली में प्रदूषण का स्तर लगातार चिंता का विषय बना हुआ है। सरकार का मानना है कि नियमों में ढील और चालानों में माफी की वजह से लोग लापरवाह हो गए हैं और अपनी गाड़ियों की हालत सुधारने को गंभीरता से नहीं ले रहे।
PUC क्या होता है और क्यों जरूरी है?
PUC यानी Pollution Under Control सर्टिफिकेट यह बताता है कि आपकी गाड़ी से निकलने वाला धुआं तय मानकों के अंदर है या नहीं। यह सर्टिफिकेट पेट्रोल और डीजल दोनों तरह की गाड़ियों के लिए जरूरी होता है। आमतौर पर PUC की वैधता कुछ महीनों की होती है, जिसके बाद इसे दोबारा बनवाना जरूरी होता है।
PUC का मकसद सिर्फ कागजी कार्रवाई नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित करना है कि सड़क पर चलने वाली गाड़ियां जरूरत से ज्यादा प्रदूषण न फैलाएं। लेकिन हकीकत यह है कि बड़ी संख्या में वाहन मालिक या तो PUC बनवाते ही नहीं या उसकी वैधता खत्म होने के बाद भी लापरवाही से गाड़ी चलाते रहते हैं।
लोक अदालत से मिल जाती थी राहत, अब नहीं
अब तक दिल्ली में यह देखने को मिलता था कि बिना PUC के पकड़े जाने पर भले ही 10 हजार रुपये का चालान कटे, लेकिन लोग लोक अदालत का सहारा लेकर इस जुर्माने को काफी हद तक कम करा लेते थे। इससे लोगों के मन से कानून का डर खत्म हो गया था।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इस पर नाराजगी जताते हुए कहा कि जब जुर्माने में आसानी से राहत मिल जाती है, तो लोग नियमों को गंभीरता से नहीं लेते। नतीजा यह होता है कि खराब हालत वाली गाड़ियां सड़कों पर दौड़ती रहती हैं और प्रदूषण लगातार बढ़ता जाता है।
अब लागू होगी जीरो टॉलरेंस पॉलिसी
दिल्ली सरकार ने साफ कर दिया है कि अब बिना वैध PUC के चलने वाले वाहनों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस पॉलिसी लागू की जाएगी। इसका मतलब साफ है—कोई ढील नहीं, कोई माफी नहीं।
अगर आपकी गाड़ी के पास वैध PUC नहीं है और आप सड़क पर पकड़े जाते हैं, तो सीधे 10 हजार रुपये का चालान कटेगा। न लोक अदालत में राहत मिलेगी और न ही किसी तरह की सिफारिश काम आएगी। सरकार ने यह भी कहा है कि जरूरत पड़ी तो वह अदालत का दरवाजा खटखटाकर यह सुनिश्चित करेगी कि PUC चालानों में कोई माफी न मिले।
सरकार का मकसद जुर्माना नहीं, साफ हवा
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार का उद्देश्य लोगों से पैसे वसूलना नहीं है। जुर्माना लगाना सरकार की मजबूरी है, ताकि लोग नियमों का पालन करें। असली मकसद दिल्लीवासियों को साफ और बेहतर हवा देना है।
उन्होंने कहा कि अगर लोग समय पर अपनी गाड़ियों की जांच करवाएं, PUC बनवाएं और गाड़ी की सर्विसिंग ठीक रखें, तो न चालान कटेगा और न ही प्रदूषण बढ़ेगा। लेकिन अगर नियम तोड़े जाएंगे, तो सरकार सख्ती दिखाने से पीछे नहीं हटेगी।
प्रदूषण कम करने के लिए और क्या कर रही है सरकार?
PUC चालानों पर सख्ती के साथ-साथ दिल्ली सरकार प्रदूषण कम करने के लिए कई और बड़े कदम उठाने की तैयारी में है। निजी वाहनों का दबाव कम करने और पब्लिक ट्रांसपोर्ट को मजबूत करने पर जोर दिया जा रहा है।
सरकार दिल्ली-एनसीआर में ई-बस और शेयर ई-बस चलाने की योजना पर काम कर रही है। ओला-उबर जैसी कंपनियों से भी बातचीत चल रही है, ताकि इलेक्ट्रिक बस सेवाएं शुरू की जा सकें। इसके अलावा ई-रिक्शा और डीटीसी रूट्स को और बेहतर बनाने पर भी फोकस किया जा रहा है।
इन सभी कदमों का एक ही मकसद है—सड़कों पर कम प्रदूषण फैलाने वाले वाहन हों और लोगों को निजी गाड़ी निकालने की जरूरत कम पड़े।
एमनेस्टी स्कीम आएगी, लेकिन PUC चालान बाहर
दिल्ली सरकार ट्रैफिक चालानों को लेकर एक एमनेस्टी स्कीम लाने की भी तैयारी कर रही है, जिसके तहत पुराने पेंडिंग ट्रैफिक चालान माफ किए जा सकते हैं। इससे लाखों वाहन चालकों को राहत मिलने की उम्मीद है।
लेकिन सरकार ने यह भी साफ कर दिया है कि यह राहत PUC चालानों पर लागू नहीं होगी। यानी चाहे कितनी भी बड़ी माफी योजना क्यों न आ जाए, बिना वैध PUC वाले वाहनों पर लगाया गया 10 हजार रुपये का जुर्माना हर हाल में वसूला जाएगा।
वाहन चालकों को क्या करना चाहिए?
इस सख्ती के बाद वाहन चालकों के लिए सबसे जरूरी है कि वे अपनी गाड़ी के सभी कागजात समय पर अपडेट रखें। खासतौर पर PUC सर्टिफिकेट की वैधता जरूर चेक करते रहें। अगर PUC की तारीख निकल चुकी है, तो तुरंत नजदीकी सेंटर से जांच करवाकर सर्टिफिकेट बनवाएं।
इसके अलावा गाड़ी की नियमित सर्विसिंग करवाना भी जरूरी है, ताकि इंजन सही तरीके से काम करे और प्रदूषण कम हो। थोड़ी सी लापरवाही अब भारी पड़ सकती है।
अगर आप दिल्ली में रहते हैं और गाड़ी चलाते हैं, तो यह समय है सतर्क होने का। नियमों का पालन न सिर्फ आपको जुर्माने से बचाएगा, बल्कि दिल्ली की हवा को भी साफ रखने में मदद करेगा। सरकार की यह सख्ती आने वाले समय में राजधानी के प्रदूषण स्तर को कम करने में अहम भूमिका निभा सकती है।













