दिल्ली में सेकेंड हैंड गाड़ी खरीदने वाले हो जाएं सावधान? 15 दिन में नहीं किया यह काम तो होगी कड़ी कार्रवाई

दिल्ली में सेकेंड हैंड कार या बाइक खरीदने की सोच रहे हैं? तो जरा रुकिए! अब एक छोटी सी लापरवाही आपको भारी कानूनी मुसीबत में डाल सकती है। दिल्ली सरकार ने पुराने वाहनों की खरीद-फरोख्त को लेकर बड़ा और सख्त फैसला लिया है, जिसके तहत 15 दिन के भीतर RC ट्रांसफर कराना अनिवार्य कर दिया…



दिल्ली में सेकेंड हैंड गाड़ी खरीदने पर 15 दिन में RC ट्रांसफर अनिवार्य
दिल्ली में सेकेंड हैंड गाड़ी खरीदने पर 15 दिन में RC ट्रांसफर अनिवार्य

दिल्ली में सेकेंड हैंड यानी पुरानी कार या बाइक खरीदने की योजना बना रहे लोगों के लिए यह खबर बेहद जरूरी है। राष्ट्रीय राजधानी में पुराने वाहनों की खरीद-फरोख्त को लेकर सरकार ने नियमों में बड़ा बदलाव किया है। अब अगर आप दिल्ली में कोई सेकेंड हैंड कार या बाइक खरीदते हैं, तो आपको 15 दिनों के भीतर उस वाहन की RC (रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट) अपने नाम ट्रांसफर करानी अनिवार्य होगी। अगर तय समय सीमा में RC ट्रांसफर नहीं हुई, तो दिल्ली पुलिस और परिवहन विभाग सख्त कार्रवाई कर सकते हैं

यह नियम सिर्फ खरीदार के लिए ही नहीं, बल्कि वाहन बेचने वाले और सेकेंड हैंड वाहन डीलरों पर भी लागू होगा। सरकार का साफ कहना है कि अब लापरवाही किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी।


दिल्ली में सेकेंड हैंड गाड़ी खरीदने के नियमों में क्या बदला?

अब तक आम तौर पर सेकेंड हैंड वाहन खरीदने के बाद RC ट्रांसफर कराने में 30 दिन तक का समय माना जाता था, लेकिन अब दिल्ली सरकार ने इसे और सख्त कर दिया है। नई व्यवस्था के तहत 15 दिन के अंदर RC ट्रांसफर कराना जरूरी होगा

दिल्ली सरकार ने इस संबंध में सभी वाहन डीलरों को स्पष्ट और कड़े निर्देश जारी कर दिए हैं। साथ ही, दिल्ली ट्रांसपोर्ट विभाग और ट्रैफिक पुलिस को यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि इस नियम का सख्ती से पालन हो।


RC ट्रांसफर नहीं हुआ तो दिल्ली पुलिस लेगी एक्शन

अगर आपने सेकेंड हैंड कार या बाइक खरीद ली और 15 दिन के भीतर RC अपने नाम ट्रांसफर नहीं कराई, तो आप कानूनी कार्रवाई के दायरे में आ सकते हैं। इसमें शामिल हो सकता है:

  • ट्रैफिक चालान
  • नोटिस जारी होना
  • जांच में नाम आना
  • गंभीर मामलों में कानूनी कार्रवाई

दिल्ली पुलिस को सभी जिलों में पुराने वाहन डीलरों पर नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं। अगर कोई डीलर नियमों की अनदेखी करता पाया गया या वाहन सौदे का सही रिकॉर्ड नहीं रखता, तो उसके खिलाफ भी सख्त कदम उठाए जाएंगे।


पुराने मालिक की जिम्मेदारी भी तय

बहुत से लोग सोचते हैं कि गाड़ी बेचने के बाद उनकी जिम्मेदारी खत्म हो जाती है, लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है। नियमों के मुताबिक, पुराने मालिक की भी जिम्मेदारी है कि वह वाहन बेचने की जानकारी RTO को दे और नए खरीदार से समय पर RC ट्रांसफर कराने को कहे

दिल्ली परिवहन विभाग के पूर्व उपायुक्त और परिवहन विशेषज्ञ अनिल कुमार छिकारा के अनुसार, अगर RC ट्रांसफर नहीं होती है और भविष्य में उस वाहन से कोई दुर्घटना, ट्रैफिक उल्लंघन या आपराधिक गतिविधि होती है, तो पुराना मालिक भी जांच के घेरे में आ सकता है। क्योंकि कानूनी तौर पर वाहन का मालिक वही माना जाता है, जिसके नाम RC दर्ज होती है।


क्यों लिया गया यह सख्त फैसला?

इस नए नियम के पीछे एक बड़ी सुरक्षा वजह है। हाल ही में लाल किले के पास हुए कार ब्लास्ट की जांच के दौरान पुलिस को कई खामियां सामने आईं। जांच में पता चला कि जिस कार का इस्तेमाल किया गया था, वह पुरानी थी, लेकिन उसके दस्तावेज अभी भी पूर्व मालिक के नाम पर दर्ज थे।

इस वजह से पुलिस को असली इस्तेमालकर्ता तक पहुंचने में काफी परेशानी हुई। इसी अनुभव से सबक लेते हुए सरकार ने फैसला किया कि अब वाहन बेचने के बाद RC ट्रांसफर में किसी भी तरह की ढील नहीं दी जाएगी


पुराने वाहन डीलरों पर भी सख्ती

दिल्ली में ज्यादातर सेकेंड हैंड गाड़ियों की खरीद-फरोख्त डीलरों के माध्यम से होती है। इसी को ध्यान में रखते हुए दिल्ली पुलिस ने पुराने वाहन डीलरों के लिए भी सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

अब सभी डीलरों को:

  • हर वाहन सौदे का पूरा रिकॉर्ड रखना होगा
  • खरीदार और विक्रेता दोनों की पूरी जानकारी दर्ज करनी होगी
  • एक निर्धारित रजिस्टर में सौदे का विवरण लिखना अनिवार्य होगा

अगर कोई डीलर यह रिकॉर्ड नहीं रखता या RC ट्रांसफर सुनिश्चित नहीं करता, तो वह भी कार्रवाई की जद में आएगा।


आम लोगों के लिए क्या है जरूरी सलाह?

अगर आप दिल्ली में सेकेंड हैंड गाड़ी खरीदने या बेचने जा रहे हैं, तो इन बातों का खास ध्यान रखें:

  1. गाड़ी खरीदते ही RC ट्रांसफर की प्रक्रिया शुरू करें
  2. 15 दिनों की समय सीमा को बिल्कुल हल्के में न लें
  3. सभी जरूरी दस्तावेज जैसे आधार, पैन, एड्रेस प्रूफ सही रखें
  4. अगर डीलर के माध्यम से सौदा कर रहे हैं, तो उससे लिखित में RC ट्रांसफर की जिम्मेदारी तय करें
  5. वाहन बेचने के बाद खुद भी RTO में जानकारी जरूर दें

पुलिस अधिकारियों की राय

दिल्ली पुलिस के पूर्व एसीपी वेद भूषण का कहना है कि लाल किले के पास कार ब्लास्ट के बाद यह फैसला बेहद जरूरी हो गया था। उनके अनुसार,
“वाहन बेचने के बाद 15 दिन के अंदर RC ट्रांसफर करने का आदेश सराहनीय है। इससे अपराध में इस्तेमाल किए गए वाहन के जरिए अपराधी तक पहुंचने में पुलिस को काफी मदद मिलेगी।”


दिल्ली में सेकेंड हैंड कार या बाइक खरीदना अब पहले जितना आसान और लापरवाह नहीं रहा। सरकार का यह कदम सुरक्षा और कानून व्यवस्था को मजबूत करने के लिए उठाया गया है। अगर आप नियमों का पालन करते हैं, तो आपको किसी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा, लेकिन जरा सी लापरवाही आपको कानूनी झंझट में डाल सकती है।

इसलिए अगर आप दिल्ली में सेकेंड हैंड गाड़ी खरीदने की सोच रहे हैं, तो 15 दिन में RC ट्रांसफर कराना न भूलें, वरना बाद में पछताना पड़ सकता है।

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