
हर साल लाखों लोग लोक अदालत का बेसब्री से इंतजार करते हैं, खासकर वे वाहन मालिक जिनके ट्रैफिक चालान लंबे समय से पेंडिंग पड़े होते हैं। छोटे-छोटे ट्रैफिक उल्लंघनों की वजह से कटे चालान समय के साथ बड़ी रकम बन जाते हैं और फिर उन्हें भरना लोगों को भारी लगता है। ऐसे में लोक अदालत आम जनता के लिए एक बड़ी राहत लेकर आती है। नए साल 2026 को लेकर भी लोगों के मन में यही सवाल है कि 2026 में लोक अदालत कब-कब लगेगी, ताकि वे समय रहते अपने पुराने चालानों का निपटारा कम जुर्माने में या माफी के साथ कर सकें।
इस लेख में हम आपको आसान भाषा में बताएंगे कि 2026 में लोक अदालत की तारीखें क्या हैं, लोक अदालत क्या होती है, किन मामलों का निपटारा यहां होता है और लोक अदालत में जाने से पहले आपको क्या-क्या तैयारी करनी चाहिए।
राष्ट्रीय लोक अदालत क्या होती है?
लोक अदालत एक तरह का वैकल्पिक न्याय मंच होता है, जिसे सरकार और विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा आयोजित किया जाता है। इसका उद्देश्य आम लोगों को जल्दी, सस्ता और सरल न्याय देना है। यहां लंबी सुनवाई, तारीखों का झंझट और महंगे वकीलों की जरूरत नहीं पड़ती।
लोक अदालत में अधिकतर छोटे और समझौता योग्य मामलों को निपटाया जाता है। खासकर ट्रैफिक चालान, बिजली-पानी के बिल विवाद, बैंक से जुड़े कुछ मामले और उपभोक्ता विवाद यहां आसानी से सुलझ जाते हैं। कई बार ट्रैफिक चालानों में भारी छूट मिल जाती है और कुछ मामलों में तो पूरा जुर्माना भी माफ कर दिया जाता है।
2026 में कब-कब लगेगी लोक अदालत? (पूरी लिस्ट)
वर्ष 2026 में कुल चार राष्ट्रीय लोक अदालतों का आयोजन किया जाएगा। इसके अलावा दिल्ली के लिए एक विशेष लोक अदालत भी पहले से तय की गई है। तय कार्यक्रम के अनुसार 2026 में लोक अदालत की तारीखें इस प्रकार हैं:
- पहली राष्ट्रीय लोक अदालत: 14 मार्च 2026
- दूसरी राष्ट्रीय लोक अदालत: 9 मई 2026
- तीसरी राष्ट्रीय लोक अदालत: 12 सितंबर 2026
- चौथी राष्ट्रीय लोक अदालत: 12 दिसंबर 2026
इसके अलावा, दिल्ली के लोगों के लिए एक अतिरिक्त राहत की खबर भी है। 13 दिसंबर 2025 को लोक अदालत का आयोजन नहीं हो पाने के कारण 10 जनवरी 2026 को दिल्ली में विशेष राष्ट्रीय लोक अदालत आयोजित की जाएगी। यह उन लोगों के लिए सुनहरा मौका होगा, जिनके ट्रैफिक चालान या अन्य मामले पेंडिंग हैं।
लोक अदालत में किन ट्रैफिक मामलों का निपटारा होता है?
यह समझना बहुत जरूरी है कि लोक अदालत हर तरह के ट्रैफिक केस के लिए नहीं होती। यहां केवल छोटे और गैर-गंभीर उल्लंघनों पर ही सुनवाई होती है। जैसे—
- हेलमेट न पहनना
- सीट बेल्ट न लगाना
- रेड लाइट जंप करना
- जेब्रा लाइन पर वाहन खड़ा करना
- नो-पार्किंग में गाड़ी खड़ी करना
- गलत लेन में गाड़ी चलाना
- ट्रैफिक साइन को नजरअंदाज करना
इन मामलों में लोक अदालत में जुर्माने की रकम काफी कम हो जाती है और कई बार चालान पूरी तरह खत्म भी कर दिया जाता है।
किन मामलों में लोक अदालत में राहत नहीं मिलती?
लोक अदालत में गंभीर और आपराधिक मामलों की सुनवाई नहीं होती। जैसे—
- सड़क दुर्घटना से जुड़े गंभीर मामले
- शराब पीकर गाड़ी चलाना
- हिट एंड रन
- किसी की मौत या गंभीर चोट से जुड़े केस
- नाबालिग द्वारा वाहन चलाना
ऐसे मामलों को नियमित अदालतों में ही निपटाया जाता है। इसलिए लोक अदालत में जाने से पहले यह जरूर जांच लें कि आपका चालान समझौता योग्य है या नहीं।
लोक अदालत में जाने से पहले क्या करें?
लोक अदालत में शामिल होने के लिए पहले से कुछ जरूरी तैयारी करनी होती है। सबसे अहम चीज है ऑनलाइन टोकन या अपॉइंटमेंट लेना। बिना टोकन के ज्यादातर मामलों में सुनवाई नहीं होती।
टोकन लेते समय आपको अपनी गाड़ी से जुड़ी जानकारी भरनी होती है, जैसे—
- वाहन का रजिस्ट्रेशन नंबर
- चालान का विवरण
- अपनी संपर्क जानकारी
इसके बाद आपको कोर्ट का नाम (जैसे साकेत, रोहिणी, तीस हजारी आदि) और समय स्लॉट चुनना होता है। टोकन मिलने के बाद उसका प्रिंट निकालकर संभाल कर रखें।
लोक अदालत वाले दिन किन दस्तावेजों की जरूरत होती है?
लोक अदालत में जाते समय नीचे दिए गए दस्तावेज साथ ले जाना जरूरी होता है:
- टोकन या अपॉइंटमेंट स्लिप का प्रिंट
- वाहन की RC
- ड्राइविंग लाइसेंस
- आधार कार्ड या अन्य पहचान पत्र
समय से पहले कोर्ट पहुंचना बेहतर रहता है, ताकि लाइन या भीड़ की वजह से कोई परेशानी न हो।
लोक अदालत से वाहन चालकों को क्या फायदा होता है?
लोक अदालत का सबसे बड़ा फायदा यह है कि—
- पेंडिंग ट्रैफिक चालानों का जल्दी निपटारा होता है
- जुर्माने में भारी छूट मिलती है
- कई बार पूरा चालान माफ भी हो जाता है
- कोर्ट फीस या वकील का खर्च नहीं लगता
- समय और पैसे दोनों की बचत होती है
इसी वजह से हर साल लोक अदालत में बड़ी संख्या में लोग अपने मामलों के समाधान के लिए पहुंचते हैं।
2026 में लोक अदालत क्यों है ट्रैफिक चालान वालों के लिए खास?
2026 में लोक अदालत की चार तय तारीखें होने की वजह से वाहन चालकों को पूरे साल कई मौके मिलेंगे। अगर किसी कारणवश आप एक लोक अदालत में नहीं जा पाते हैं, तो अगली तारीख पर अपना मामला निपटा सकते हैं। खासकर 10 जनवरी 2026 की विशेष लोक अदालत दिल्ली वालों के लिए बड़ा मौका है, क्योंकि नए साल की शुरुआत में ही पुराने चालानों से छुटकारा मिल सकता है।
अगर आपके ट्रैफिक चालान लंबे समय से पेंडिंग हैं और आप उन्हें कम जुर्माने में या माफी के साथ निपटाना चाहते हैं, तो 2026 में लगने वाली लोक अदालतें आपके लिए बड़ी राहत साबित हो सकती हैं। जरूरी है कि आप लोक अदालत की तारीखों को नोट कर लें, समय पर टोकन लें और सभी जरूरी दस्तावेज तैयार रखें।
थोड़ी सी जानकारी और सही तैयारी के साथ आप न सिर्फ पैसे बचा सकते हैं, बल्कि कानूनी झंझट से भी आसानी से छुटकारा पा सकते हैं।











